यह पर्वत कनिष्ठिका अंगुली के नीचे होता है, इसका हस्त रेखा विज्ञान में इसलिए महत्व है क्योकि यह भौतिक समृद्धि एवं सम्पन्नता से आंका जाता है, बुध प्रधान व्यक्ति का कद लम्बाई में अन्य की अपेक्षा कम होता है, किन्तु ये जिस कार्य को प्रारम्भ करते है, उसे पूर्ण करके मानते है ऐसे व्यक्ति बहुत से तरीकों से पैसा कमाना जानते है, मानसिक श्रम , जासूस , श्रेष्ठ वक्ता, परिस्थितियो से समझौता करने वाले, योजनाबद्ध जीवन-यापन करने वाले तथा विनोदी स्वभाव के होते है, व्यापारिक क्षेत्र में ये विशेष सफलता प्राप्त करते है.
जिन हथेलियो में बुध पर्वत सही रूप से विकसित होता है, वे व्यक्ति श्रेष्ठ मनोवैज्ञानिक और व्यवहार कुशल होते है सामने वाले व्यक्ति को प्रभावित करके अपना काम करवाने की इनमें क्षमता होती है, ये सदैव अवसर की खोज में रहते है और समय पर अपना कार्य पूर्ण करने में नहीं चूकते है, ऐसा व्यक्ति चालक एवं चतुर होता है, व्यापारिक कार्यों में श्रेष्ठ व्यापारी, वकील, चिकित्सक,पत्रकार तथा नेता होते है, जिन हथेलियो में बुध पर्वत अत्यंत उभरा हुआ हो, वह धन-संचय करने में लगे रहते है, धन के पीछे पागल रहते है, भले ही उसके लिए उन्हें जघन्य अपराध करने पड़े, जिन हथेलियो में बुध पर्वत सामान्य उठा हुआ होता है, वे पूर्ण भौतिकवादी होते है, ये लोग भी उचित- अनुचित साधनों से धन- संग्रह करते है, ऐसे व्यक्ति समाज में अपना विद्वतापूर्ण एवं धार्मिक रूप दर्शाते है, गणित, विज्ञान,दर्शन,वकालत आदि इनके प्रिय विषय होते है, ये जीवन में श्रेष्ठ वकील, डाक्टर, अभिनेता, व्यापारी और लेखक होते है, लेखन के क्षेत्र में अच्छी सफलता प्राप्त करते है, प्रेम के क्षेत्र में भी ये लोग व्यावहारिक सम्बन्ध ही रखते है, इनके प्रेम में गांभीर्य नहीं होता है, स्वार्थ और धूर्तता अधिक होती है, इनके सम्बन्ध वासनात्मक ही होते है, मानसिक और भावनात्मक नहीं होते हैं.