शिव जी की महिमा का वर्णन शब्दों में व्यक्त करना सर्वदा असंभव है । शिव जी की उपासना हर युग में कल्याणकारी ही साबित हुई है चाहे वो रावण के आराध्य के रूप में रही हो या फिर लंका विजय के समय सेतुबंध रामेश्वर में श्री राम के द्वारा की गयी उपासना ये बतानें के लिए पर्याप्त है की भगवान् शिव देवों के देव महादेव हैं । अगर दानी स्वरुप की बात की जाए तो ये साधक को हर प्रकार के शाप ,पाप एवं कष्टों से अति शीघ्र छुटकारा दिला देतें हैं आज के लेख में मैं सर्व संकट ,शाप, पाप आदि को दूर करने वाला शिव श्रीरुद्राष्टकम् का उल्लेख कर रहा हूँ ।
विधि - नित्य दैनिक कार्यों से निवृत्त हो कर अगर संभव हो तो गीले वस्त्र में शिव प्रतिमा या चित्र के सामने इस मन्त्र का नियमित ३,५,७, अथवा जितनी संख्या में जप संभव हो ,जप करने से सभी प्रकार की बाधाओं से छुटकारा मिल जाता है ऐसा पुराणों में भी वर्णित है ।