गुरुवार, 25 जुलाई 2013

अमोघ शिव कवच

सावन के इस पावन पर्व पर भक्त अपने - अपने तरीकों एवं विभन्न प्रकार के मन्त्र उच्चारण से सदाशिव को प्रसन्न करते हैं ,इसी क्रम में आज मै अपने  साधकों  को अमोघ शिव कवच की जानकारी देता हूँ
अमोघ शिव कवच की महानता के बारे में जितना लिखा जाए कम है ,क्योंकि इस महान एवं अति शीघ्र फल प्रदान करने वाले कवच की महानता का कोई दूसरा सार ही नहीं है ,समस्त प्रकार के शारीरिक ,मानसिक ,आर्थिक एवं सामाजिक कष्टों से मुक्ति दिलाने में ये कवच अपना महान प्रभाव रखता है
कवच का अर्थ होता है सुरक्षा, अर्थात जिस प्रकार सदियों पहले योद्धा एवं राजा युद्ध भूमि में जाने से पहले अपने शरीर की सुरक्षा हेतु लौह कवच धारण करते थे ,ठीक उसी प्रकार हमारे ऋषि - मुनि भी अपने आपको सांसारिक कष्टों एवं दैहिक ,दैविक एवं भौतिक सभी प्रकार की व्याधियों से खुद को सुरक्षित रखने के लिए इन मान्त्रिक कवचों की रचना किया करते थे ,जो युगों -युगों से प्रत्येक मानव सभ्यता के लिए उपयोगी सिद्ध होते आयें है
इस अमोघ शिव कवच का नियमित पाठ करने वाले उपासक  को अकाल मृत्यु , बीमारी ,कोर्ट कचहरी ,एवं भयानक से भी भयानक विपत्तियों का कोई असर नहीं होता, ऐसा मेरा खुद का अनुभव रहा है
इस कवच का पाठ करने वाले साधक के शरीर के आस - पास एक सुरक्षा घेरा सा बना रहता हैं जिससे किसी भी तरह की नकारात्मक शक्तियों का असर साधक या साधक के परिवार पर कदापि नहीं होता । 

बुधवार, 24 जुलाई 2013

शिव उपासना का महामंत्र

सबसे  पवित्र एवं सभी कामनाओं को पूरा करने वाला महीना अर्थात सावन के महीने की शुरुआत हो चुकी है. हर तरफ भगवान् शिव  के जय- जयकारों से समस्त दिशाएँ उद्घोषित हो रहीं हैं तो चलिए हम और आप भी शामिल हो  जातें हैं इस पवित्र उद्घोष में.
मैंने अपनी पिछली पोस्ट में  भगवान् शिव की महिमा के बारे में जो थोड़ा बहुत ज्ञान था वो मैंने बताया था .आज की पोस्ट भी शीघ्र फलदायी शिव मंत्रो को ले कर है .

हम सभी सदैव उन मन्त्रों के बारे में अथवा देव उपासना के बारे में जानने को उत्सुक रहते हैं जिनसे की हमारी कामना पूरी हो जाये या फिर जीवन की मुश्किलों को समाप्त कर जीवन की राह आसान कर दे तो सिर्फ इतना ही कहना चाहूँगा कि भगवान् शिव और इनके मन्त्रों में वो प्रत्यक्ष शक्ति है जो उपासक की सभी समस्याओं को हल कर सकती है .इनके किसी भी मंत्र का जप चाहे वो ॐ नमः शिवाय हो या फिर रुद्राभिषेक जैसा अनुष्ठान सभी अपना पूर्ण प्रभाव व असर दिखातें हैं .जीवन में चाहे जैसी भी नकारात्मक सोंच अथवा शक्ति हो शिव पंचाक्षरी मन्त्र का जप करने से व्यक्ति की निगेटिविटी दूर होती ही है तथा एकाग्रता भी जागृत होती है.

सोमवार, 22 जुलाई 2013

शीघ्र फलदायी नरसिंह साधना

शाबर मन्त्रों से आपका परिचय करवाने के बाद आज मै आप को कुछ उग्र एवं शीघ्र फलदायी साधनाओं के बारे में जानकारी दूंगा .शाबर मन्त्रों को सिद्ध करने के लिए जहां किसी विशेष तरह के आयोजन अथवा अनुष्ठान की आवश्यकता नहीं होती वहीँ तांत्रिक साधनाओं में बिना पूर्ण अनुष्ठान के कोई भी साधना संपन्न ही नहीं की जा सकती, अगर संपन्न कर भी ली तो साधना का फल नहीं मिलता .इन्ही उग्र साधनाओं में आती है भगवान् नरसिंह की साधना .इनकी साधना करने से निर्भयता , संकट एवं समस्त प्रकार के तांत्रिक व मान्त्रिक दुष्प्रभाव , शत्रु द्वारा किये गए अथवा ऊपरी हवाओं के द्वारा  समस्त परेशानियों में इनकी उपासना शीघ्र फलदायी होती है .

शनिवार, 20 जुलाई 2013

जप माला की जानकारी

उपासना एवं तंत्र साधना में आप किस तरह की माला का प्रयोग करतें हैं, ये एक अहम् सवाल है क्योंकि बहुत से लोग कहतें हैं की उन्हें तो साधनाओं में प्रयुक्त होने वाली माला की जानकारी ही नहीं होती, बस जो भी माला हाँथ लग गयी मंत्र जप डाला . ये बिलकुल ही गलत तरीका है इसमें आप सिद्धि से तो वंचित ही रहतें हैं जप दोष लगता है वो अलग . साधनाओं में विशेषतः हिन्दू साधनाओं में 3 प्रकार की माला  ही प्रचलित है जिनमे प्रमुख हैं
1- मणि माला . अर्थात जिस माला में मनके हो
2- कर माला - अर्थात उँगलियों के पोरों पर जप करना
3-वर्ण माला - अर्थात संख्याओं को लिख कर जप करना
परन्तु इन सबमे सबसे प्रमुख मणि माला ही मानी गयी है ,क्योंकि मणि माला पर किया गया कोई भी जप न सिर्फ फल देता है अपितु साधक को एकाग्र भी रखता है .

सोमवार, 8 जुलाई 2013

साबर मंत्र सिद्ध करने की विधि

आज बहुत दिनों के बाद ब्लॉग में फिर से वापसी हुई है तो सोंचा कि कुछ ऐसी जानकारी दी जाये जो अक्सर लोग मुझसे फोन के माध्यम से पूंछते रहतें हैं  कि बिना गुरु किये मंत्रो को जाग्रत या सिद्ध कैसे करें?
आज लगभग हर नव साधक के मन में ये विचार आता है की वो मन्त्रों को जागृत  या फिर सिद्ध करें किन्तु आधी -अधूरी जानकारी की वजह से बहुत से लोग मंत्रो को सिद्ध नहीं कर पाते और दोष देतें हैं की अमुक मन्त्र से काम नहीं हुआ या फिर मेहनत बेकार चली गयी .आज की पोस्ट उन्ही लोगों के लिए है जो मंत्रो को सिद्ध करना चाहते हैं.ये सही है कि बिना गुरु के सफलता नहीं प्राप्त की जा सकती ,किन्तु अगर कोई ढंग का गुरु न मिले तो क्या सफलता की कामना ही नहीं करनी चाहिए ?