बुधवार, 7 मई 2014

सर्वारिष्ट निवारण स्त्रोत का जप प्रयोग






आज मैं आपको एक ऐसे दिव्य मन्त्र स्त्रोत के बारे में जानकारी दूंगा जो सभी तरह की विपत्तियों को दूर करके जप कर्ता की समस्त मनोकामनाओं को पूरा करने में सक्षम है . आज के इस कठिनाई भरे दौर में प्रायः सभी की कुछ न कुछ परेशानियां अथवा उलझने होती हैं , किसी को पारिवारिक तो किसी को आर्थिक एवं सामजिक कठिनाइयों का सामना करना ही  पड़ता है . कई बार ये परेशानियां दुश्मनों द्वारा तांत्रिक क्रियाओं के माध्यम से तो कई बार ग्रह नक्षत्रों की बुरी नजर अथवा चाल से भी सम्बंधित होती हैं ,ऐसे में प्रतिदिन प्रभात काल में अपने आराध्य के सामने घी का दीप जलाकर इस स्त्रोत का 40 बार अथवा यथा संभव  जप करने से उपरोक्त समस्त विपत्तियों से मुक्ति पायी जा सकती है . इस स्त्रोत का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इस स्तोत्र में  भगवान् कृष्ण से ले कर गायत्री ,भैरव ,गणेश ,शिव जी समेत समस्त देवताओं का उल्लेख हुआ है .
श्री भृगु संहिता के सर्वारिष्ट निवारण खंड में इस स्त्रोत की महिमा का उल्लेख बड़े ही विस्तृत ढंग से किया गया है जिसे करने से समस्त बाधाओं को दूर किया जा सकता है . तो आप भी इस चमत्कारी स्त्रोत का प्रतिदिन पाठ करें और अपनी समस्त बाधाओं को दूर करें .