इस मन्त्र के प्रयोग से सभा अथवा व्यक्तियों के समूह को बरबस ही अपनी तरफ आकर्षित किया जा सकता है । मन्त्र इस प्रकार है ...
सभा मोहन मन्त्र -“गंगा किनार की पीली-पीली माटी। चन्दन के रुप में बिके हाटी-हाटी।। तुझे गंगा की कसम, तुझे कामाक्षा की दोहाई। मान ले सत-गुरु की बात, दिखा दे करामात। खींच जादू का कमान, चला दे मोहन बान। मोहे जन-जन के प्राण, तुझे गंगा की आन। ॐ नमः कामाक्षाय अं कं चं टं तं पं यं शं ह्रीं क्रीं श्रीं फट् स्वाहा।।
विधि - सबसे पहले इसे रविवार के दिन १०८ की संख्या में जप करें फिर इतनी ही संख्या में हवन करें इस प्रकार ये मन्त्र सिद्ध हो जाता है फिर जिस दिन आपको किसी सभा में जाना हो अथवा सभा को मोहित करना हो, उस दिन प्रातः काल में नित्य कर्मों से निवृत्त होकर ‘गंगोट’ (गंगा की मिट्टी से बना चन्दन ) का चन्दन गंगाजल में घिस ले और उसे १०८ बार उपरोक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित करे। फिर श्री कामाक्षा देवी का ध्यान करते हुए उस चन्दन को मस्तक में लगा कर सभा में जाए, तो सभा के सभी लोग इस तिलकधारी की बातों पर मुग्ध हो जाएँगे।
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