बुधवार, 7 मई 2014

सर्वारिष्ट निवारण स्त्रोत का जप प्रयोग






आज मैं आपको एक ऐसे दिव्य मन्त्र स्त्रोत के बारे में जानकारी दूंगा जो सभी तरह की विपत्तियों को दूर करके जप कर्ता की समस्त मनोकामनाओं को पूरा करने में सक्षम है . आज के इस कठिनाई भरे दौर में प्रायः सभी की कुछ न कुछ परेशानियां अथवा उलझने होती हैं , किसी को पारिवारिक तो किसी को आर्थिक एवं सामजिक कठिनाइयों का सामना करना ही  पड़ता है . कई बार ये परेशानियां दुश्मनों द्वारा तांत्रिक क्रियाओं के माध्यम से तो कई बार ग्रह नक्षत्रों की बुरी नजर अथवा चाल से भी सम्बंधित होती हैं ,ऐसे में प्रतिदिन प्रभात काल में अपने आराध्य के सामने घी का दीप जलाकर इस स्त्रोत का 40 बार अथवा यथा संभव  जप करने से उपरोक्त समस्त विपत्तियों से मुक्ति पायी जा सकती है . इस स्त्रोत का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इस स्तोत्र में  भगवान् कृष्ण से ले कर गायत्री ,भैरव ,गणेश ,शिव जी समेत समस्त देवताओं का उल्लेख हुआ है .
श्री भृगु संहिता के सर्वारिष्ट निवारण खंड में इस स्त्रोत की महिमा का उल्लेख बड़े ही विस्तृत ढंग से किया गया है जिसे करने से समस्त बाधाओं को दूर किया जा सकता है . तो आप भी इस चमत्कारी स्त्रोत का प्रतिदिन पाठ करें और अपनी समस्त बाधाओं को दूर करें .

बुधवार, 26 फ़रवरी 2014

महाशिवरात्रि विशेष




शिवरात्रि का व्रत प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को किया जाता है मगर फाल्गुन मास को जो चतुर्दशी पड़ती है, उसकी अर्द्धरात्रि को 'महाशिवरात्रि' कहा जाता है। इस वर्ष यह पर्व 27 फरवरी की अर्द्धरात्रि को बृहस्पतिवार के दिन मनाया जा रहा है।

महाशिवरात्रि पर व्रत और जागरण करने का विधान है। उत्तरार्ध और कामिक के मतानुसार सूर्य के अस्त समय यदि चतुर्दशी हो, तो उस रात को 'शिवरात्रि' कहा जाता है। यह अत्यन्त फलदायक एवं शुभ होती है। आधी रात से पूर्व और आधी रात के उपरांत अगर चतुर्दशी युक्त न हो, तो व्रत धारण नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसे समय में व्रत करने से आयु और ऐश्वर्य की हानि होती है। माधव मत से 'ईशान संहिता' में वर्णित है कि जिस तिथि में आधी रात को चतुर्दशी की प्राप्ति होती है, उसी तिथि में मेरी प्रसन्नता से मनुष्य अपनी कामनाओं के लिए व्रत करें।

गुरुवार, 17 अक्तूबर 2013

सर्व कार्य सिद्धि साबर मन्त्र प्रयोग

बंगाली भाषा में ये मंत्र स्वयं सिद्ध है अतः इसे अलग से सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं. किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले सिर्फ 3 बार इस मन्त्र का उच्चारण कर अपने दायें हाँथ में फूंक मार लें फिर जिस कार्य को आप करना चाहतें है उसे करे निश्चय ही सफलता मिलेगी .इस मंत्र का प्रयोग सुबह उठकर बिस्तर पर ही जप कर करें एवं दायें हाँथ में फूंक मारें तो दिन अच्छा गुजरेगा एवं कार्यमें सफलता भी प्राप्त होगी .लेकिन किसी भी गलत कार्य को करते समय इस मन्त्र का उपयोग कदापि न करें अन्यथा परिणाम विपरीत भी हो सकतेहैं .अतः जब भी उपयोग में लायें अच्छे कार्यों के लिए ही  ..

मंगलवार, 8 अक्तूबर 2013

नवनाथ स्तुति मंत्र प्रयोग

मेरा अक्सर यही प्रयास रहता है कि आप को मै शीघ्र सिद्धि प्रदायक एवं असरदार मन्त्रों की शक्ति से परिचय कराऊँ ,और जितने भी मन्त्र की जानकारी मै आपको देता हूँ वो सभी अपने आप में एक विशेष प्रभाव रखतें हैं । आपको कोई भी मंत्र देने से पहले  मै उस मंत्रशक्ति के प्रभाव को देखकर ही आपको मंत्र का प्रयोग करने की सलाह देता हूँ जिनमे विशेष किसी प्रकार के अनुष्ठान आदि की जरूरत नहीं होती ।
मेरा आज का मन्त्र शाबर मन्त्रों की श्रेणी में  अपना विशेष प्रभाव रखता है । अगर आप किसी प्रेत बाधा से ग्रसित हैं या आप के परिवार पर किसी ने भीषण मंत्र प्रयोग कर दिया हो जिसकी वजह से आपके  घर के व्यक्तियों में मनमुटाव होना या किसी बीमारी से जूझना या अन्य किसी भी कारणवश आप को आर्थिक नुकसान की स्थितियों से गुजरना पड़ रहा है तो उपरोक्त समस्त दोषों को दूर कर अभीष्ट सिद्धि प्रदान करने में ये मंत्र विशेष प्रभावी  है।

शुक्रवार, 2 अगस्त 2013

समस्त कार्यसिद्धिकारक गणेश मंत्र

भगवान् गणेश को सर्वव्याधि निवारक एवं सुख समृद्धि प्रदायक देव माना जाता है l इनकी उपासना भी शीघ्र फल प्रदायक होती है l  जिस घर में सुबह एवं  शाम को इनके नाम का उच्चारण ,जप अथवा पूजन होता है वहां कभी भी नकारात्मक शक्तियां ठहर नहीं सकती l आज मै आप लोगों के लिए तंत्र की दुनिया के महत्वपूर्ण एवं अति प्राचीन ग्रन्थ रूद्रायमल तंत्र से कुछ शीघ्र प्रभावी मंत्र ले कर आया हूँ l ये सर्व कार्यसिद्धि प्रदायक  गणेश जी का महत्वपूर्ण मंत्र है l इस मंत्र से साधक सर्वजन वशीकरण ,आर्थिक मुसीबतें या फिर जिंदगी की कोई अन्य छोटी या बड़ी मुसीबतें सब पर विजय प्राप्त कर लेता है l इस मंत्र की सिद्धि प्राप्त करने के बाद साधक के शरीर में एक विशेष प्रकार की ऊर्जा समाहित होने लगती है ,जिसके प्रभाव से साधक को अपने अन्दर एक दिव्य शक्ति का आभास होने लगता है ,या यूं कहें की साधक के लिए कोई भी उपरोक्त वर्णित कार्य असंभव नहीं होते

गुरुवार, 25 जुलाई 2013

अमोघ शिव कवच

सावन के इस पावन पर्व पर भक्त अपने - अपने तरीकों एवं विभन्न प्रकार के मन्त्र उच्चारण से सदाशिव को प्रसन्न करते हैं ,इसी क्रम में आज मै अपने  साधकों  को अमोघ शिव कवच की जानकारी देता हूँ
अमोघ शिव कवच की महानता के बारे में जितना लिखा जाए कम है ,क्योंकि इस महान एवं अति शीघ्र फल प्रदान करने वाले कवच की महानता का कोई दूसरा सार ही नहीं है ,समस्त प्रकार के शारीरिक ,मानसिक ,आर्थिक एवं सामाजिक कष्टों से मुक्ति दिलाने में ये कवच अपना महान प्रभाव रखता है
कवच का अर्थ होता है सुरक्षा, अर्थात जिस प्रकार सदियों पहले योद्धा एवं राजा युद्ध भूमि में जाने से पहले अपने शरीर की सुरक्षा हेतु लौह कवच धारण करते थे ,ठीक उसी प्रकार हमारे ऋषि - मुनि भी अपने आपको सांसारिक कष्टों एवं दैहिक ,दैविक एवं भौतिक सभी प्रकार की व्याधियों से खुद को सुरक्षित रखने के लिए इन मान्त्रिक कवचों की रचना किया करते थे ,जो युगों -युगों से प्रत्येक मानव सभ्यता के लिए उपयोगी सिद्ध होते आयें है
इस अमोघ शिव कवच का नियमित पाठ करने वाले उपासक  को अकाल मृत्यु , बीमारी ,कोर्ट कचहरी ,एवं भयानक से भी भयानक विपत्तियों का कोई असर नहीं होता, ऐसा मेरा खुद का अनुभव रहा है
इस कवच का पाठ करने वाले साधक के शरीर के आस - पास एक सुरक्षा घेरा सा बना रहता हैं जिससे किसी भी तरह की नकारात्मक शक्तियों का असर साधक या साधक के परिवार पर कदापि नहीं होता । 

बुधवार, 24 जुलाई 2013

शिव उपासना का महामंत्र

सबसे  पवित्र एवं सभी कामनाओं को पूरा करने वाला महीना अर्थात सावन के महीने की शुरुआत हो चुकी है. हर तरफ भगवान् शिव  के जय- जयकारों से समस्त दिशाएँ उद्घोषित हो रहीं हैं तो चलिए हम और आप भी शामिल हो  जातें हैं इस पवित्र उद्घोष में.
मैंने अपनी पिछली पोस्ट में  भगवान् शिव की महिमा के बारे में जो थोड़ा बहुत ज्ञान था वो मैंने बताया था .आज की पोस्ट भी शीघ्र फलदायी शिव मंत्रो को ले कर है .

हम सभी सदैव उन मन्त्रों के बारे में अथवा देव उपासना के बारे में जानने को उत्सुक रहते हैं जिनसे की हमारी कामना पूरी हो जाये या फिर जीवन की मुश्किलों को समाप्त कर जीवन की राह आसान कर दे तो सिर्फ इतना ही कहना चाहूँगा कि भगवान् शिव और इनके मन्त्रों में वो प्रत्यक्ष शक्ति है जो उपासक की सभी समस्याओं को हल कर सकती है .इनके किसी भी मंत्र का जप चाहे वो ॐ नमः शिवाय हो या फिर रुद्राभिषेक जैसा अनुष्ठान सभी अपना पूर्ण प्रभाव व असर दिखातें हैं .जीवन में चाहे जैसी भी नकारात्मक सोंच अथवा शक्ति हो शिव पंचाक्षरी मन्त्र का जप करने से व्यक्ति की निगेटिविटी दूर होती ही है तथा एकाग्रता भी जागृत होती है.

सोमवार, 22 जुलाई 2013

शीघ्र फलदायी नरसिंह साधना

शाबर मन्त्रों से आपका परिचय करवाने के बाद आज मै आप को कुछ उग्र एवं शीघ्र फलदायी साधनाओं के बारे में जानकारी दूंगा .शाबर मन्त्रों को सिद्ध करने के लिए जहां किसी विशेष तरह के आयोजन अथवा अनुष्ठान की आवश्यकता नहीं होती वहीँ तांत्रिक साधनाओं में बिना पूर्ण अनुष्ठान के कोई भी साधना संपन्न ही नहीं की जा सकती, अगर संपन्न कर भी ली तो साधना का फल नहीं मिलता .इन्ही उग्र साधनाओं में आती है भगवान् नरसिंह की साधना .इनकी साधना करने से निर्भयता , संकट एवं समस्त प्रकार के तांत्रिक व मान्त्रिक दुष्प्रभाव , शत्रु द्वारा किये गए अथवा ऊपरी हवाओं के द्वारा  समस्त परेशानियों में इनकी उपासना शीघ्र फलदायी होती है .

शनिवार, 20 जुलाई 2013

जप माला की जानकारी

उपासना एवं तंत्र साधना में आप किस तरह की माला का प्रयोग करतें हैं, ये एक अहम् सवाल है क्योंकि बहुत से लोग कहतें हैं की उन्हें तो साधनाओं में प्रयुक्त होने वाली माला की जानकारी ही नहीं होती, बस जो भी माला हाँथ लग गयी मंत्र जप डाला . ये बिलकुल ही गलत तरीका है इसमें आप सिद्धि से तो वंचित ही रहतें हैं जप दोष लगता है वो अलग . साधनाओं में विशेषतः हिन्दू साधनाओं में 3 प्रकार की माला  ही प्रचलित है जिनमे प्रमुख हैं
1- मणि माला . अर्थात जिस माला में मनके हो
2- कर माला - अर्थात उँगलियों के पोरों पर जप करना
3-वर्ण माला - अर्थात संख्याओं को लिख कर जप करना
परन्तु इन सबमे सबसे प्रमुख मणि माला ही मानी गयी है ,क्योंकि मणि माला पर किया गया कोई भी जप न सिर्फ फल देता है अपितु साधक को एकाग्र भी रखता है .

सोमवार, 8 जुलाई 2013

साबर मंत्र सिद्ध करने की विधि

आज बहुत दिनों के बाद ब्लॉग में फिर से वापसी हुई है तो सोंचा कि कुछ ऐसी जानकारी दी जाये जो अक्सर लोग मुझसे फोन के माध्यम से पूंछते रहतें हैं  कि बिना गुरु किये मंत्रो को जाग्रत या सिद्ध कैसे करें?
आज लगभग हर नव साधक के मन में ये विचार आता है की वो मन्त्रों को जागृत  या फिर सिद्ध करें किन्तु आधी -अधूरी जानकारी की वजह से बहुत से लोग मंत्रो को सिद्ध नहीं कर पाते और दोष देतें हैं की अमुक मन्त्र से काम नहीं हुआ या फिर मेहनत बेकार चली गयी .आज की पोस्ट उन्ही लोगों के लिए है जो मंत्रो को सिद्ध करना चाहते हैं.ये सही है कि बिना गुरु के सफलता नहीं प्राप्त की जा सकती ,किन्तु अगर कोई ढंग का गुरु न मिले तो क्या सफलता की कामना ही नहीं करनी चाहिए ?