रविवार, 22 जुलाई 2012

सूर्य पर्वत





यह अनामिका अंगुली के बीच में होता है, यह शनि पर्वत और बुध पर्वत के मध्य होता है, इस पर्वत के उभार लिए होने से मनुष्य में उत्साह एवं सौन्दर्यप्रियता होती है, भले ही वह व्यक्ति कलाकार या संगीत-प्रेमी न हो, फिर भी उसकी रूचि संगीत और कला में होती है, यह पर्वत मनुष्य की सफलता का सूचक है, यदि यह पर्वत अनुपस्थित है तो वह व्यक्ति साधारण जीवन व्यतीत करने के लिए बाध्य होता है, पर्वत का विकास मनुष्य को निश्चय ही उच्च पदों पर ले जाता है, इस पर्वत का होना नितांत आवश्यक है क्योकि यश, मान, प्रतिष्ठा, सफलता, प्रेम इसी पर निर्भर करता है.




यदि सूर्य पर्वत हथेली में नहीं है तो वह व्यक्ति विवेकहीन एवं मन्दबुद्धि का होता है, असफलताओ के कारण, आर्थिक एवं मानसिक तनाव के कारण पारिवारिक जीवन कलहपूर्ण रहता है यदि सूर्य पर्वत कम विकसित है तो उनकी कला एवं सौंदर्य के प्रति रूचि होती है, किन्तु उनमे सफल नहीं हो पाते है, घर-गृहस्थी के मायाजाल में ही फसें रहते है.




यदि सूर्य पर्वत का झुकाव शनि पर्वत की ओर है तो उसका पतन अवश्यम्भावी है, उस व्यक्ति में निराशा, उदासी, एकांतप्रियता, आलस्य,निशा रुदन, आदि भावनाएँ होती है, यह किसी भी कार्य को आरम्भ तो करते है किन्तु पूर्ण कभी भी नहीं कर पातें है, आर्थिक संघर्ष इनके सम्पूर्ण जीवन में व्याप्त रहता है, सूर्य का शनि की ओर झुकना भाग्यहीन व दरिद्र जीवन व्यतीत करने के लिए विवश करता है, यदि यही पर्वत बुध की ओर झुका हुआ हो तो वह व्यक्ति निःसंदेह आर्थिक रूप से संपन्न रहता है, समाज में सम्माननीय जीवन व्यतीत करता है, व्यापार,लेखन-कार्य चिकित्सा व ज्योतिषी जगत में असाधारण सफलता अर्जित करता है, अनामिका अंगुली यदि टेढ़ी है और बेडौल है तो उस व्यक्ति में सूर्य के गुणों में न्यूनता आ जाती है, प्रतिशोध की भावना बढ़ जाती है, व्यवहार में भी कटुता रहती है, यदि अंगुली का सिरा कोणदार है तथा पर्वत उभार लिए है तो व्यक्ति कला या फ़िल्म के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है, स्वास्थ्य में नेत्र-विकार, हृदय रोग सूर्य पर्वत के अधीनस्थहै.


यदि सूर्य पर्वत पर त्रिभुज है तो व्यक्ति धार्मिक, परोपकारी प्रवृति का होता है, यदि एकसीधी और गहरी रेखा है तो वह धन और ख्याति प्राप्त करता है, दो रेखाए होने पर,प्रतिभा होने पर भी सामान्य सफलता मिलती है, अत्यधिक रेखाए होने पर कलात्मक चिंतन, आर्थिक तनाव,योजनाएं अधिक पर कार्यरूप में परिणित कम,लाभ नहीं होता है,तिल होने पर बदनामी मिलती है ,सूर्य रेखा  पर यदि त्रिभुज का चिन्ह है तो व्यक्ति अन्तराष्ट्रीय सफलता अर्जित करता है, यदि सूर्य पर्वत पर क्रास का चिन्ह है,साथ ही सूर्य रेखा भी है तो उसे सफलता मिलती है, किन्तु रेखा न होने पर उसे समाज में बदनामी उठानी पड़ती है तथा जीवन संघर्षमय रहता है, यदि सूर्य पर्वत पर वृत्त का चिन्ह है तो वह व्यक्ति उच्च विचारों वाला विश्व ख्याति अर्जित करता है, यदि सूर्य पर्वत पर द्वीप का का चिन्ह है तो वह व्यक्ति निराशावादी जीवन व्यतीत करता है, यदि सूर्य पर्वत पर वर्ग का चिन्ह है,तो वह व्यक्ति धन,यश,एवं प्रतिष्ठा तथा उच्च पद प्राप्त करता है .
सूर्य के कमजोर होने पर माणिक्य अनामिका उँगली में रविवार के दिन धारण करने से इसके प्रतिकूल प्रभावों में कमी आती है. अथवा रोजाना सूर्य मंत्र का जाप जप भी विशेष फल को देने वाला होता है

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