सोमवार, 23 जुलाई 2012

मंगल पर्वत




मंगल के दो क्षेत्र होते है, उनको उच्च मंगल तथा निम्न मंगल कहा जाता है, उच्च मंगल चंद्र और बुध पर्वत के मध्य में होता है, दूसरा स्थान जीवन रेखा के प्रारंभिक स्थान और शुक्र पर्वत के मध्य तक होता है .
मंगल के  मुख्य  गुण साहस,बल,युद्ध व निडरता आदि है, मंगल प्रधान व्यक्ति साहसी, निडर व हष्ट -पुष्ट शरीर के मालिक होतें हैं , ये किसी से दबकर या डरकर रह ही नहीं सकते ,जिनका मंगल हथेली में प्रधान हो तो ऐसे व्यक्तिओं को प्रेम से ही वश में किया जा सकता है जोर व जबर्दस्ती से नहीं, ऐसे व्यक्ति शारीरिक रूप से हृष्ट- पुष्ट व लंबे-चौड़े होते है स्वभाव में शासन करने की प्रवृति के कारण तानाशाह तक बन जाते है, यह व्यक्ति  अन्याय होते सहन नहीं कर सकते, प्रायः ऐसे व्यक्ति सेना व पुलिस विभाग के उच्च पदों पर होते है इनमे आत्मविश्वास, दृढ़ता  जैसे गुण विद्दमान रहते है, 
यदि मंगल पर्वत प्रधान व्यक्ति की हथेली का रंग लालिमा युक्त है तो वह व्यक्ति जीवन में संघर्ष करते हुए भी अपने लक्ष्य की प्राप्ति करता है, यदि हथेली का रंग पीला है तो ऐसे व्यक्ति में अपराधी प्रवृति होगी, यदि रंग हल्का नीला है तो यह गठिया रोग से पीड़ित होगा, मंगल प्रधान व्यक्तियो की त्वचा कोमल न होकर कठोर होती है. 
यदि मंगल पर्वत पर जल या आडी – तिरछी रेखाए अधिक है तो वह व्यक्ति लड़ाई- झगड़े में अधिक तेज होता है, उसकी मृत्यु लड़ाई- झगड़े या दुर्घटना में होती है, मंगल प्रधान व्यक्ति अत्यधिक महत्वाकांक्षी होते है तथा अपने लक्ष्य- प्राप्ति हेतु जीवनपर्यंत संघर्ष कर सफलता प्राप्त करते है .
यदि मंगल पर्वत पर त्रिभुज का चिन्ह हो तो वह वीरता के कारण राष्ट्रीय पुरस्कार से पुरस्कृत होगा, यदि मंगल पर्वत पर क्रास का चिन्ह हो तो उस व्यक्ति को जेल यात्रा करनी पड़ सकती है, आत्महत्या की प्रवृति भी होती है, यदि मंगल पर्वत पर काला तिल है तो वह व्यक्ति कायर व भयभीत होगा, मंगल पर्वत पर वृत्त का चिन्ह भी अशुभ होता है, ऐसे व्यक्ति विश्वासघाती होते है, यदि मंगल पर्वत पर नक्षत्र का चिन्ह है तो वह व्यक्ति क्रोध पर नियंत्रण पा लेता है, किन्तु उसे मुकदमे लड़ने पड़ते है, यदि मंगल पर्वत पर जाल का चिन्ह है तो व्यक्ति सम्पूर्ण जीवन मानसिक कष्ट भोगता है .
मंगल के अशुभ प्रभाव को कम करने लिए निम्न उपाय कने चाहिए 
  1.  मूंगा मंगल का प्रतीक होता है ,अतः मंगलवार को मूंगा धारण करने से मंगल के हानिकारक प्रभाव को कम किया जा सकता है 
  2. मंगलवार को सुन्दरकाण्ड  पाठ के जप से भी कुछ ही दिनों में मंगल के शुभ प्रभाव दिखाई देने लागतें हैं .
  3. बंदरो को चना या गुड खिलाने से मंगल के दुष्प्रभाव को कम करने में सहायता मिलती है 

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